आज हम उस दुनिया की कल्पना भी नहीं कर सकते जिसमें Computers ना हों। इसीलिए आज के युग को कंप्यूटर युग कहा जाता है।
Computer शब्द लैटिन भाषा के ‘Computare’ से आया है जिसका मतलब ‘To Calculate’, ‘To count’ है यानी कैलकुलेशन करना।
मतलब ये की ये नाम एक Acronym यानी संक्षिप्त नाम नहीं है। इसी कारण इसका कोई भी full form नहीं होता। कहने के लिए तमाम नाम मौजूद हैं।
जैसे- Common operating machine purposely used for technological and educational research. Etc.
खैर, आज के युग में तेज से तेज कंप्यूटर्स बनाने की जरूरत भी वैज्ञानिकों को हुई नतीजा supercomputers हमारे सामने आए।
भारत के Supercomputer का नाम PARAM Siddhi- AI है जो दुनिया के टॉप 500 supercomputers में 63rd स्थान रखता है।
इस पोस्ट में हम निम्न टॉपिक्स पर विस्तार से जानेंगे।
What is computer- कम्प्यूटर क्या है?
कंप्यूटर एक मशीन है। इसे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस भी कह सकते हैं। जो प्रोग्राम किए गए सॉफ्टवेयर के अनुसार गणितीय गणनाओं से लेकर सूचना के आदान-प्रदान, डेटा प्रॉसेस, संग्रहण (स्टोरेज) तीव्र एवं आसानी से करता है।
ये अपने कार्य Binary system, 0,1 के माध्यम से करता है।
शुरुआत में कंप्यूटर गणना (Calculation) करने के उद्देश्य से बनाए गए थे। लेकिन आज ये डिज़ाइन, म्यूजिक, Artificial Intelligence से लेकर Surgery व Space program, Satellite control तक में इनके बिना काम नहीं चलने वाला है।
इसके आधार पर हम कंप्यूटर के क्षमता का आंकलन कर इनके निम्न 5 Category को जान सकते हैं।
Mainframe Computers- इन्हें Big iron भी कहा जाता है। कारण इनकी Multi-user क्षमता है। इनमे high capacity वाली memory व processors इस्तेमाल होते हैं।
ये millions of calculations प्रति second तक कर सकते हैं। इनके सॉफ्टवेयर मिनी कंप्यूटर से भिन्न होते हैं।
Personal computers (PC)- आज जो हम अपने घर पर normal कंप्यूटर इस्तेमाल करते हैं वो ही PC है।
ये एक single user computer सिस्टम होता है। ये Microsoft Windows, Linux, Apple’s iOS इत्यादि Operating systems पर चलते है।
Mini computers- ये भी एक multi-user सिस्टम है जिसकी क्षमता 128K byte है। ये 1960 में बनाए गए थे। इन्हें Mid-range कंप्यूटर्स भी कहते हैं।
Workstation- ये एक high-performance Single user कंप्यूटर है। जिसमें उच्च क्षमता के Micro processors, Graphics card व Memory उपयोग होती है।
इनका उपयोग web hosting कंपनियों द्वारा Server के रूप में इस्तेमाल होता है।
Super computer- इनकी क्षमता व गति अन्य सभी कंप्यूटर्स से बहुत अधिक तेज होती है।
इनके performance की गणना Floating-points (flops) में की जाती है। इनका उपयोग huge data को Analysis करने या मौसम सम्बन्धी गणना करने में किया जाता है।
1st Generation computers [Vaccume tubes] 1946-1959
प्रथम पीढी (1st generation) के कंप्यूटर्स
विद्युत परिपथ (Circuitry) के लिए Vaccum tubes का इस्तेमाल करते थे। वहीं मेमोरी के लिए मैग्नेटिक ड्रम्स का इस्तेमाल करते थे।
अगर इनमे कोई वैक्यूम ट्यूब फेल हो जाती थी तो उसे पता करने में ही 15 मिनट लग जाते थे।
इनमे इनपुट Punched cards के द्वारा था Output प्रिंटआउट से होता था।
इनके आकर बहुत बड़े हुआ करते थे और वजन भी कई टन होते थे। साथ ही बहुत महंगे भी थे।
इनके प्रमुख दोषों में अधिक गर्म (Excessive heat) होना शामिल था। इसलिए इनके लिए बड़े cooling system की जरूरत होती थी।
इनसब में Power ज्यादा, लगभग 15 वाट लगता था।
Example:- ENIAC, EDVAC, IBM 701
2nd Generation computers [Transistors] 1956 -1963
इस पीढ़ी के कंप्यूटर्स में वैक्यूम ट्यूब की जगह Transistors ने ले लिया। ट्रांजिस्टर्स के आने से कंप्यूटर्स में ये सुधार हुआ कि वे साइज में छोटे हुए और तेज भी साथ ही सस्ते व पावर की खपत भी कम करने लगे।
लेकिन heat की समस्या अभी भी बनी रही।
साथ ही punched cards व printouts का इस्तेमाल अभी भी होता था। हाँ इसमें असेंबली लैंग्वेज use होने लगा इनपुट के लिए।
Ex:- Honeywell 400
IBM 7094
UNIVAC 1108
3rd Generation comp. IC [Integrated circuits] 1964 -1971
इस पीढ़ी के कंप्यूटर्स में ट्रांजिस्टर्स की जगह IC का इस्तेमाल होने लगा।
इनमे कई कार्य एक साथ सम्भव था।
एक IC अपने अंदर कई ट्रांजिस्टर्स को शामिल किए हुए थी। जिसके कारण इस पीढ़ी के कंप्यूटर्स में अभूतपूर्व सुधार हुआ।
वहीं इनपुट के लिए Punch cards की जगह कीबोर्ड व माउस का इस्तेमाल शुरू हो गया।
IC के इस्तेमाल के कारण कंप्यूटर्स की साइज छोटी हो गई व परफॉर्मेंस बेहतर हुआ।
इस पीढ़ी के कंप्यूटर्स में स्टोरेज कैपेसिटी भी बढ़ गई साथ ही डेटा की स्पीड माइक्रो से नैनोसेकंड में हो गई।
Ex:- PDP-8
ICL- 2900
IBM-370
4th Generation Comp. [Microprocessor] 1971-Present
आज हम जो कंप्यूटर्स उपयोग करते हैं वही चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर्स हैं।
कंप्यूटर्स की चौथी पीढ़ी में IC की जगह माइक्रोप्रोसेसर ने ले लिया। एक माइक्रोप्रोसेसर चिप (सिलिकॉन चिप) में हज़ारों ICs बनने लगीं। ये एक Semiconductor (अर्धचालक) मटेरियल से बनता है।
सारे कार्य इनपुट/आउटपुट एक माइक्रोप्रोसेसर की वजह से आसान, तेज़ व सटीक हो गए।
लेकिन आज भी कम ही सही लेकिन माइक्रोप्रोसेसर पर ICs होने के कारण Heat issues बरकरार है।
5th Generation comp. [Artificial intelligence] Present and future
5Th, इस पीढ़ी के कंप्यूटर्स Artificial intelligence (कृत्रिम बुद्धि) पर आधारित हैं।
Quantum computation, nanotechnology आने वाले समय में कंप्यूटिंग की दिशा बदल देंगे।
इस पीढ़ी के तकनीक का लक्ष्य ऐसी Devices को बनाना है जो हमारी भाषा में respond दे सके। यानी जिस प्राकृतिक भाषा में हम सर्च या दूसरे इनपुट्स दें ये उसी प्राकृतिक भाषा में हमें रिजल्ट दे।
इसीलिए आज NLP यानी Natural language processing का विकास व शोध प्रगति पर है।
जैसे:- गूगल की ‘Voice recognition‘
ये पीढ़ी ULSI (Ultra large scale integration) पर आधारित है। जैसे कंप्यूटर के एक माइक्रोप्रोसेसर पर 10 Million इलेक्ट्रॉनिक components हैं।
ये विभिन्न आकार व फीचर्स में उपलब्ध हैं।
जैसे :- डेस्कटॉप, लैपटॉप, अल्ट्राबुक इत्यादि।
प्रथम कंप्यूटर ENIAC मशीन को कहा जाता है। जो आज के कंप्यूटर्स की तुलना में बहुत बड़े आकार की थी।
[ENIAC-Electrical numerical integrator and calculator]
इसका निर्माण पेन्नसिल्वेनिया विश्वविद्यालय में John W. Mauchly और J.Presper ने किया था।
ये बाइनरी संख्याओं के स्थान पर 10 अंकों की दाशमिक प्रणाली का प्रयोग करती थी।
आधुनिक कंप्यूटर का इतिहास
Charles Babbage को कंप्यूटर का पिता कहा जाता है। इसका कारण निम्न है –
चार्ल्स बैब्बेज ने 1822 में Difference engine नाम की एक डिवाइस बनाई थी। उसके बाद 1832 में उन्होंने एनालिटिकल इंजन नाम की डिवाइस पर काम करना शुरू किया।
उनके डिवाइस में प्रोग्रामिंग का इस्तेमाल हुआ।
लेकिन उनके काम को उस दौर के लोगों की भौतिकी में कम रुचि व ज्ञान के कारण उन्हें प्रसिद्धि नहीं मिली। यहां तक कि उनके काम भी लोगों के सामने स्पष्ट रूप से सामने ना आ सके।
लेकिन हां, उन्होंने जो दो Devices को बनाया था, उनके पीछे उनका जो भी concept था खासकर प्रोग्रामिंग का, उसी कांसेप्ट पर हमारे आज के कंप्यूटर्स का निर्माण हुआ।
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Ada countess of loveless – दुनिया की पहली महिला थीं जो चार्ल्स के द्वारा बनाए Analytical engine के लिए प्रोग्राम लिखीं।
Parts of Computers
कंप्यूटर्स के निम्न 2 मुख्य अंग (Parts) होते हैं –
1- हार्डवेयर (Hardware)
2- सॉफ्टवेयर (Software)
हार्डवेयर के अंतर्गत निम्न पार्ट्स हैं-
हार्डवेयर पार्ट्स को हम स्पर्श कर सकते हैं।
जैसे – कीबोर्ड, माउस, मॉनिटर, सीपीयू, मल्टीमीडिया स्पीकर्स, जॉयस्टिक इत्यादि।
सॉफ्टवेयर के अंतर्गत निम्न चीजें हैं –
इन्हें हम स्पर्श नहीं कर सकते ये डिजिटल प्रोग्राम होते हैं जैसे –
1- सिस्टम सॉफ्टवेयर 2- एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर
Hardware पार्ट्स के बारे में –
कीबोर्ड – एक इनपुट डिवाइस है जिसके माध्यम से हम अक्षरों (1@#0sdज + क) इत्यादि को कंप्यूटर में एंटर करते हैं। ये कई लेआउट्स व key नम्बर्स में आते हैं। लेकिन सबसे प्रचलित Qwerty लेआउट्स व 101 key वाली कीबोर्ड है।
माउस – ये पॉइंटर का काम करता है। इसमे लेफ्ट व राइट दो बटन होते हैं। दोनो के बीच में एक गोलाकार स्क्रॉल होता है जिसकी सहायता से हम वेबपेज को ऊपर नीचे करते हैं। दोनो बटन्स में से Left बटन से हम किसी फ़ाइल वगैरह को चुनने के लिए व राइट वाले बटन से Menu को access करते हैं।
मोनिटर – ये हमारा स्क्रीन है जो प्रोसेस्ड डेटा या रिजल्ट, वीडियोज इत्यादि को हमारे सामने दिखाता (प्रदर्शित-display) है।
सीपीयू – कंप्यूटर कई हार्डवेयर्स से मिलकर बना है। सीपीयू को कंप्यूटर का दिमाग कहते हैं।
ये निम्न components से काम करता है-
1- ALU– Data का सबसे अधिक निस्तारण इसी यूनिट में होता है। ये साधारण तार्किक व अंकगणित की गड़नाओं को करता है। जैसे:- Addition, Substraction, Divide,Multiplication, Comparision इत्यादि।
2- CU– इसको सुपरवाईजर की तरह कार्य करता है। ये कंप्यूटर के विभिन्न components को नियंत्रित करता है। ये ALU को भिन्न भिन्न जरूरी कार्य के लिए निर्देश देता है।
मदरबोर्ड (Motherboard) – मदरबोर्ड कंप्यूटर का दिमाग कहे जाने वाले CPU व कंप्यूटर का मुख्य भाग होता है।
मदरबोर्ड के अंदर प्रोसेसर, ग्राफ़िक कार्ड्स, मेमोरी मॉड्यूल्स, एक्सपैंशन कार्ड्स इत्यादि लगते हैं।
किसी भी प्रकार के hardware components को कंप्यूटर से या Motherboard पर लगाने से पहले ये भी देखना होता है कि आपका motherboard या लगने वाला डिवाइस Motherboard के Compatible है कि नहीं।
इसके लिए आप motherboard के बीच में या किनारे उस motherboard का Model number देख कर कंपनी के वेबसाइट पर सर्च कर सकते हैं।
प्रोसेसर (Processor) – Processor कंप्यूटर का मुख्य भाग होता है। इसी से कंप्यूटर की कार्यक्षमता का आंकलन किया जाता है।
प्रॉसेसर के Example –
पेंटियम ड्यूल कोर
Core i3, Core i5, Core i7, Qualcomm, Ryzen इत्यादि।
SMPS (Switch mode power supply)
एसएमपीएस का उपयोग unregulate AC करंट से रेगुलेटेड DC करंट प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
ये कई तरह के होते हैं जैसे- AC to DC, DC to DC, DC to AC.
ग्राफ़िक कार्ड (Graphic card)
ग्राफ़िक कार्ड का इस्तेमाल Gaming, video इत्यादि के लिए किया जाता है। ग्राफ़िक कार्ड में खुद की प्रोसेसिंग यूनिट व मेमोरी होती है।
नेटवर्क कार्ड्स (Network cards)
नेटवर्क कार्ड कंप्यूटर्स को आपस Wire के माध्यम से या wireless माध्यम से Connect करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
हार्ड डिस्क ड्राइव (HDD-Hard disk drive)
HDD ये एक इलेक्ट्रो-मैग्नेटिक सतह वाली स्टोरेज डिवाइस है। इसको डेटा संरक्षण के लिए बाहरी ऊर्जा स्रोत की जरूरत नहीं पड़ती। इसीलिए इसे Nonvolatile डिवाइस कहते हैं।
इसका इस्तेमाल अत्यधिक बड़े डेटा को स्टोर करने व जरूरत पड़ने पर देखने के लिए किया जाता है।
ऑप्टिकल डिस्क ड्राइवस (ODD-Optical disk drive)
इसका इस्तेमाल डेटा को Read&Write यानी लिखने और पढ़ने में होता है। जो इलेक्ट्रो-मैग्नेटिक वेव्स (तरंग), लेज़र लाइट इत्यादि का उपयोग डेटा को Read या Write करने के लिए करता है।
रैम (RAM-Random access memory)
ये रैंडम एक्सेस यानी अलग अलग तरह के कार्य या विंडो को एक ही समय पर एक्सेस करने में सहयोग करता है। RAM हार्ड ड्राइव से महँगे होते हैं।
ये कंप्यूटर को एक Temporary मेमोरी उपलब्ध कराता है। जो Power supply कट जाने पर गायब हो जाता है। फिर उसे लाना मुमकिन नहीं, इसीलिए इसे Volatile मेमोरी कहते हैं।
ये जितना ज्यादा हो यानी 2 GB, 4GB, 6 GB, 7GB उतने बेहतर होता है। लेकिन सिस्टम supportable हो तो।
Rom (Read only memory)
ये भी एक तरह की मेमोरी होती हैं। जो कंप्यूटर या अन्य गैजेट्स में उपयोग होती हैं। ये मुख्य रूप से फर्मवेयर प्रोग्राम को रिस्टोर/अपडेट के लिए होती हैं। ये no-nvolatile मेमोरी होती है।
सॉफ्टवेयर (Software)
सिस्टम सॉफ्टवेयर
एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को चलाने के लिए सिस्टम सॉफ्टवेयर की जरूरत होती है। जैसे:- विंडोज 7,8 इत्यादि सिस्टम सॉफ्टवेयर हैं जिनपर हम VLC मीडिया प्लयेर यूज़ करते हैं।
Example:- Windows XP, 7..
Android
Linux
Unix
एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर
Adobe photoshop
Picasa
Google chrome
Computer language
कंप्यूटर लैंग्वेज को तीन भागों में बांटा गया है।
1 Machine level language
2 Middle level language
3 High level language
मशीन लेवल लैंग्वेज
मशीन लेवल लैंग्वेज (भाषा) इंसान को समझने या व्यवहार में थोड़ी कठिन होती हैं। इसमें बाइनरी संख्याओं का उपयोग होता है।
जैसे :- 0 और 1
मिडिल लेवल लैंग्वेज
ये इंसानों के लिए मशीन लेवल से थोड़ी आसान होती हैं। ये असेंबली लैंग्वेज होती हैं।
हाई लेवल लैंग्वेज
ये इंसानों के लिए बहुत ही आसान व व्यवहारिक है। जैसे :- Java, C++
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